जगन्नाथ एक मंदिर हिन्दू मंदिर है जो हिंदू धर्म में के ए विष्णु क रूप,भगवान जगन्नाथ को समर्पित है ।
श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर स्थापित लाल ध्वज सदैंव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
यह दुनिया का सबसे भव्य और ऊँचा मंदिर है ,इस के पास खड़े रहकर इसका गुम्बज देख पाना असंभव है
पूरी में किसी भी स्थान से आप मंदिरके शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा।
कहा जाता है की मंदिर में प्रशाद कुछ हजार लोगो के लिए ही क्यों न बनाया गया हो लेकिन इससे लाखो लोगो का पेट भर सकता है।
जगन्नाथ सुभद्रा और बलभद्र मंदिर में पूजे जाने वाले देवताओं की तिकड़ी हैं।
मंदिर के ऊपर गुम्बज के आसपास अब तक कोई पक्षी उडाता हुआ नजर में नहीं आया ,और उसके ऊपर से विमान नहीं उड़ाया जा सकता।
आषाढ़ माह में भगवान रथ पर सवार होकर अपनी मौसी रानी गुंडिचा के गर जाते है , यह रथयात्रा 5 किलोमीटर में फैले पुरुषोत्तम क्षेत्र में ही होती है
और अपनी मौसी के गर भगवान 8 दिन रहते है, और आषाढ़ शुक्ल दशमी को वापिस की यात्रा होती है
वर्त्तमान में जो मंदिर है वह 7वीं सदी में बनवाया था। यहां सथित मंदिर 3 बार टूट चुका है।